GAHOIMUMBAI

वैश्य जाति की उप जातियों में गहोई वैश्य को सम्मिलित करने के लिए माननीय सांसद  संतोष कुमार गंगवार का सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय को अनुरोध पत्र!

"Gahoi Vaishya" to get place as sub cast of Vaishya Caste in central-state caste list of Indian Government!

दिल्ली, भारत: गहोई वैश्य समाज के लिए बड़ी ही आनंदित करने वाला समाचार हैं। अब गहोई वैश्य जाति को भारत सरकार के आधिकारिक दस्तावेजों में वैश्य जाति की उप-जाति के रूप में सम्मिलित करने के लिए पहली आधिकारिक पहल हो चुकी हैं। 

ज्ञात हो अभी तक गहोई वैश्य जाति का किसी भी सरकारी दस्तावेज़ में किसी भी जाति या उप-जाति के रूप में सम्मिलित नहीं हैं। अभी कोई भी गहोई वैश्य अपने आप को वैश्य जाति के रूप में ही समय समय पर बच्चों के प्रवेश के समय और अन्य अवसरों पर चिन्हित करता आया हैं। अभी तक गहोई वैश्य शब्द का सरकारी दस्तावेजों में सम्मिलित नहीं होने से हमें अपनी पहचान बताने में और सरकारी योजनाओं में फायदे के लिए संघर्ष करने में बड़ी ही दुविधा हो रही हैं। इस दुविधा को खत्म करने का वक्त आ गया हैं। 

“Gahoi Vaishya” to get place as sub cast of Vaishya Caste in central-state caste list of Indian Government!

गहोई वैश्य समाज की इस दुविधा को खत्म करने के लिए गहोई वैश्य एसोसिएशन दिल्ली के अध्यक्ष गहोई श्री अरविंद कुमार बरोनिया के प्रत्यावेदन पर, बरेली-उत्तरप्रदेश के माननीय सांसद श्री संतोष कुमार गंगवार जी आगे आए हैं। उन्होंने अपने स्तर गहोई वैश्य जाति को वैश्य जाति की उप-जाति के रूप में सम्मिलित करने के लिए श्री बरोनिया जी के प्रत्यावेदन को संलग्न कर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार को पत्र लिखकर अनुरोध किया हैं। 

श्री बरोनिया जी के प्रत्यावेदन के अनुसार “गहोई वैश्य” अभी तक वैश्य जाति की उप-जातियों की श्रेणी में सम्मिलित नहीं हैं और “गहोई वैश्य उप-जाति किसी अन्य जाति की उप-जातियों की सूची में भी सम्मिलित नहीं हैं। यह भी सर्वविदित है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के द्वारा देश के प्रथम राष्ट्रकवि की उपाधि प्रदत्त, चिरगांव-झांसी के निवासी गहोई शिरोमणि स्व. श्री मैथिलीशरण गुप्त के साहित्य व उनके विचारों के प्रचार प्रसार के लिए गहोई वैश्य समाज की पूरे में स्थित संस्थाओं द्वारा प्रतिवर्ष वृहद स्तर के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।

बरेली-उत्तरप्रदेश के माननीय सांसद श्री गंगवार जी ने समाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के मंत्री महोदय को अपने अनुरोध पत्र में लिखा कि “मेरे संज्ञान में आया है कि मध्य प्रदेश में स्थित आपके संसदीय क्षेत्र टीकमगढ़ और निकट के सभी जनपदों में, बड़ी संख्या में निवासित गहोई वैश्य समुदाय के प्रबुद्ध नागरिकों/व्यवसायियों की सामाजिक कार्यों में अग्रणी भूमिका के कारण गहोई जाति की उस क्षेत्र में भी अपनी एक विशिष्ट पहचान हैं। आशा है कि आप स्वयं भी अवगत होंगे कि बुंदेलखंड क्षेत्र के साथ ही “गहोई वैश्य” देश के अन्य राज्यों में अपने व्यापारिक कौशल के लिए जाने जाते हैं और वर्तमान में गहोई वैश्यों की बड़ी जनसंख्या मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, बिहार, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, झारखंड, राजस्थान व हरियाणा सहित  अनेकों अन्य राज्यों में भी  निवासित हैं। प्रत्यावेदन में उल्लेखित तथ्यों के आलोक में मेरा आपसे अनुरोध है कि केंद्र व राज्यों की जातिवार सूची में वैश्य जाति की उप-जाति के रूप में “गहोई वैश्य” को भी सम्मिलित किए जाने हेतु आवश्यक कानूनी प्रक्रिया को यथाशीघ्र आरंभ किए जाने के लिए आवश्यक प्रभावी निर्देश निर्गत करने का कष्ट करें”।

हमारे सभी सजातीय गहोई समाज के बंधुओं की ओर से गहोई श्री अरविंद कुमार बरोनिया और  माननीय सांसद  संतोष कुमार गंगवार जी के “गहोई वैश्य” को भारत सरकार के दस्तावेजों में पहचान दिलाने के लिए भागीरथी प्रयासों के लिए बहुत बहुत धन्यवाद्।

इतिहास में इस पवित्र अवसर के साक्षी बनने पर गहोईमुंबई.कॉम और गहोई मुंबई समाचार की ओर से सभी गहोई बंधुओं को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं।

जय गहोई – जय भारत!

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