प्रसिद्ध उपन्यासकार, शिक्षाविद एवं समाजसेवी परम श्रद्धेय स्व. श्री रामनाथ नीखरा जी की जयंती पर कोटि कोटि नमन!
पिछोर (शिवपुरी): प्रसिद्ध उपन्यासकार, शिक्षाविद एवं समाजसेवी परम श्रद्धेय स्व. श्री रामनाथ नीखरा जी किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। गहोई गौरव नीखराजी भी गहोई समाज की कई महान विभूतियों जैसे राष्ट्रकवि श्री मैथिलीशरण गुप्त, समाजसेवी राजनेता श्री लक्ष्मीनारायण गुप्ता “नन्नाजी”, झांसी के रामानुजन पद्मश्री श्री राधाचरण गुप्ता और अन्य महान हस्तियों की तरह गहोई समाज को समृद्ध और विकसित बनाने में सहयोगी रहे। गहोई समाज के नाम को बुलंदियों पर पहुंचाने में इन महान नामचीन विभूतियों का विशेष योगदान रहा हैं।
श्रद्धेय स्व. श्री रामनाथ जी नीखरा का जन्म परिचय:
हाल ही में परम श्रद्धेय स्व. श्री रामनाथ जी नीखरा की 5 मई को पुण्य जयंती थी। इस महान विभूति की जयंती पर शत शत अभिनंदन और नमन। यदि नीखराजी की जन्म, शिक्षा और उपलब्धियों की बात करे तो परम श्रद्धेय गहोई स्व. श्री रामनाथ जी नीखरा का जन्म 5 मई 1922 को मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के अंतर्गत पिछोर में गहोई वैश्य नीखरा परिवार में हुआ था। आपकी प्रारंभिक शिक्षा पिछोर में हुई। आपने शिक्षण और शिक्षा को अपना कार्यक्षेत्र बनाया सतत् अध्ययन के द्वारा आपने एम.ए. (हिंदी साहित्य, इतिहास), एम.एड. एवं साहित्य रत्न की उपाधियां प्राप्त की। शासकीय सेवा में शिक्षक के रूप में निरंतर प्रगति करते हुए सन 1980 में आप शासकीय शिक्षा महाविद्यालय में प्राध्यापक पद से सेवानिवृत्त हुए।
श्रद्धेय स्व. श्री रामनाथ जी नीखरा का साहित्यिक परिचय:
सेवानिवृत्ति उपरांत आपने अपने आप को साहित्य साधना के लिए समर्पित कर दिया। आपने सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक, पौराणिक एवं ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर अपनी पुस्तकें लिखी हैं। आपके लेखन का मूल स्वर राष्ट्रीय भावनाओं से ओतप्रोत रहा है। आपके द्वारा रिश्ता घाव, ठिठुरती धूप, महामुनि अगस्त, प्रवीण राय, जैसे प्रसिद्ध उपन्यासों की रचना की गई है। मस्तानी बाजीराव की प्रेयसी अंतर्दाह जैसे कहानी संग्रह लिखे हैं। इसके अलावा आपके द्वारा संत रविदास (जीवनी) तथा अपेक्षा कविता संग्रह के साथ- साथ लगभग 100 से अधिक कहानियां तथा एकांकी नाटकों की रचना की गई। आपके द्वारा लिखे गए उपन्यासों में विशेष रुप से ठिठुरती धूप, प्रवीण राय तथा महामुनि अगस्त आदि की विद्वान, समीक्षकों द्वारा बहुत प्रशंसा एवं सराहना की गई। आपकी रचनाओं पर विभिन्न पुरस्कार भी प्राप्त हुए। आपके द्वारा वेद, उपनिषद, महाभारत, तुलसी साहित्य और बाल्मीकि रामायण का गहन अध्ययन किया साथ ही समकालीन विश्व की समस्त महत्वपूर्ण प्रवृत्तियों के गंभीर अध्येयता रहे हैं। श्री नीखरा जी एक असाधारण वक्ता थे वह किसी भी विषय पर अधिकार पूर्वक घंटों धारा प्रवाह के साथ बोलने की क्षमता रखते थे। आपके रचनात्मक जीवन से प्रेरणा लेकर आपके परिवार जन भी साहित्यिक गतिविधियों में रुचि ले रहे हैं।
देवताओं के आशीर्वाद से उपजी गहोई प्रजाति हर क्षेत्र में दक्षता रखती हैं। भगवान नारायण के शंख से उत्पादित गहोई शब्द बहुत ही पवित्र हैं। गहोईयो का रहन सहन और खान पान, देवताओं के समकक्ष हैं। हमें गर्व होना चाहिए कि हम गहोई समाज से हैं।
गहोई गौरव परम श्रद्धेय स्व. श्री रामनाथ नीखरा जी की जयंती पर सभी गहोई बंधुओं और गहोई मुंबई समाचार की ओर से कोटि कोटि प्रणाम। गहोई उत्थान में उनके योगदान को गहोई समाज भुला नही सकता हैं।
जय गहोई ~ जय भारत
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