अम्लता और सीने में जलन से कैसे बचे, ये हैं हर्बल उपचार!

अम्लता या सीने में जलन क्या हैं?

यदि चिकित्सीय भाषा में बात करे तो स्टमक या आमाशय में अम्लता बड़ने से आहारनली के मुंह से स्टमक के बीच के हिस्से में एसिड रिफ्लक्स अर्थात अम्ल के मुंह की तरफ उल्टे लौटने की घटना होती है, इसी घटना के चलते अपच और सीने में जलन की समस्या उत्पन्न होती हैं। यही घटना अम्लता या सीने में जलन अर्थात् हार्टबर्न कहलाती हैं।

अम्लता या सीने में जलन का कारण:
अम्लता या सीने में जलन एक चिकित्सीय समस्या हैं जिससे बहुत से लोगों को जूझना पड़ता हैं। जब आप हद से ज्यादा भोजन खा लेते है या फिर असमय अधिक से ज्यादा कॉफी या चाय पी लेते है या फिर सोने के पहले नाश्ता आदि खा लेते हैं या फिर अपनी पीठ के सहारे सोते हैं या फिर कम रेशे या फाइबर विहीन भोजन करते है तो ऐसी स्थिति में गैस्ट्रिक ग्लैंड्स आवश्यकता से अधिक अम्ल बनाती हैं जिसके कारण एसिड रिफ्लक्स, अपच और सीने में जलन आदि समस्याएं उत्पन्न होती हैं। वास्तव होता ये कि जब स्टमक या आमाशय में अधिक मात्रा में अम्ल बनता है तो किडनी इतना अम्ल खुद से निस्तारित करने में असमर्थ हो जाती हैं। तभी एसिड रिफ्लक्स की घटना होती है। इस दौरान कभी कभी स्टमक से मुंह तक की आहारनली अर्थात् एशोफैग्स के क्षेत्र में अम्ल उल्टा जाने लगता है। कई बार जब आप अधिक भोजन कर लेने पर आप मुंह में भी अम्ल के स्वाद को महसूस कर सकते हो अर्थात खट्टी डकार आती हैं। इस स्थिति की अगली समस्या सीने में जलन भी है जो कि छाती के निचले हिस्से में महसूस होता हैं। दोनो समस्या के साथ साथ अधिक अम्ल की उपस्थिति के कारण भोजन पचाने की प्रक्रिया में अवरोध होता है और अपच की स्थिति निर्मित हो जाती हैं, जिससे कुछ अवांछित गैस का निर्माण जिससे सीने में दर्द आदि की समस्या और असहज स्थिति का निर्माण होता हैं। 

अम्लता या सीने में जलन का हर्बल उपचार: 
जैसा कि हम रसायन विज्ञान के सिद्धांत के अनुसार जानते है कि यदि अम्ल की मात्रा को निष्क्रिय करना है तो उसमें उतनी ही मात्रा क्षार मिला दीजिए तो जो भी द्रव पदार्थ है वह न्यूट्रल हो जाता है अर्थात् वह पदार्थ अब ने क्षारीय होता है और न ही अम्लीय। अम्लता और सीने की जलन के उपचार के लिए दवाईयां बनाने हेतु इसी सिद्धांत का उपयोग किया जाता हैं। 

यदि एलोपैथी अर्थात् साधारण भाषा में बात करे तो अंग्रेजी दवाईयां भी अम्लता को ठीक कर सकती है। इसके लिए मार्केट में कई प्रकार के एंटासिड्स उपलब्ध हैं। जो आमाशय या स्टमक में बड़े हुए अम्ल को निष्क्रिय करने का काम करते हैं और सीने की जलन में राहत देते हैं। ये तो सर्वविदित है कि एलोपैथी दवाईयां जब रासायनिक रूप से प्रयोगशाला में बनती है तो बीमारी के लिए उपलब्ध मुख्य तत्व के अलावा भी कुछ अवांछित तत्व भी रहते है जो कि स्वास्थ के लिए लंबे समय में अच्छे नहीं होते है। इसलिए लोगो में सुना जा सकता है कि यदि एलोपैथी ले रहे हो तो कुछ न कुछ साइड इफेक्ट्स जरूर होंगे। इसलिए अब ये चलन में आ गया कि यदि कोई बीमारी पहले आयुर्वेदिक या हर्बल तरीके अपनाने से ठीक हो सकती है तो एलोपैथी क्यों लेना। यदि स्थिति नियंत्रण से बाहर है तो एलोपैथी अपना सकते हैं।

हम यहां बिना किसी साइड इफेक्ट्स के अम्लता या सीने मेबजलन के हर्बल उपचार को बताने जा रहे है जो कि आपकी अम्लता की समस्या तो दूर करेगा ही, साथ में आपके रक्षा तंत्र को भी मजबूत करेगा। 

1. ठंडा दूध से अम्लता और सीने में जलन की समस्या का निदान:एक गिलास ठंडा दूध आपकी अम्लता को तुरंत ठीक करेगा। दूध में पाए जाने वाले कैल्शियम जो कि क्षारीय प्रकृति का होता है, वह स्टमक या आमाशय में उपस्थित हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की अधिक मात्रा को न्यूट्रल करेगा और इससे आपका पेट शांत होगा और अम्लता के दूसरे लक्षण जैसे सीने में जलन, असहजता, कब्ज और अपच को दूर करने में सहायक होता हैं। यदि आपके यहां कम फैट वाला ठंडा दूध उपलब्ध है तो उसमें बिना शक्कर मिलाए उपयोग में लेना चाहिए। यह आपकी अम्लता की समस्या में रामबाज दावा की तरह फायदा पहुंचाएगा।

2. एक लौंग करेगी अम्लता को दूर, सीने की जलन का निदान: लौंग में यूओजेनिल नामक एसेंशियल ऑयल और कुछ फ्लेवोनॉयड्स पाए जाते हैं जो कि आपके के पाचन में सहयोग तो करते ही हैं, साथ में दर्द निवारक का भी काम करते हैं। इसमें प्रचुर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट होते हैं। यह स्टमक या आमाशय से फ्री रेडिकल को निकलता हैं। यह अमलता के मुख्य कारण वाले हाइड्रोक्लोरिक एसिड की अधिक मात्रा को नियंत्रित करता हैं। इससे अम्लता नियंत्रित होती है, जिससे सीने की जलन, कब्ज और अपच से छुटकारा मिलता हैं। इसलिए आपको यदि अम्लता या सीने में जलन या फिर अपच के कारण असहज लगता है तो एक लौंग को चूसते रहिए, ताकि उसका द्रव रूप ही पेट में जाए। इससे तुरंत आराम मिलेगा।

3. अदरक हैं अम्लता दूर करने में संजीवनी, पाचन को ठीक कर अपच करेगा दूर:

प्राकृतिक अदरक में जिंजेरोल नामक प्राकृतिक रसायन पाया जाता हैं जो कि अम्लता, सीने की जलन, अपच और कब्ज को दूर करने में संजीवनी हैं। इसके दर्दनाशक, पाचन बढ़ाने और शरीर की सूजन को दूर करने के गुण पेट और आहारनली की कई समस्या का समाधान करना हैं। इसलिए यदि अम्लता बढ़ती है तो एक अदरक टुकड़ा चूसे या फिर अदरक का रस निकालकर शहद से एक चम्मच ले ले, आपको अम्लता, सीने की जलन, अपच और कब्जियत से तुरंत आराम मिलेगा। 

4. पुदीना के रस से दूर होगी अम्लता या एसिडिटी, पिए पुदीना की पत्तियों का उबला:

पुदीना की पत्तियों में नेचुरल मेंथा पाया जाता है। जो कि शरीर में शीतलता देने वाला पदार्थ हैं। यह इरिटेबल बाउल सिंड्रोम की समस्या को ठीक करने में बहुत उपयोगी हैं। जब अम्लता बढ़ती हैं तो गैस, अपच, कब्ज और असहजता के लक्षण आते हैं। इन समस्याओं से मुक्ति के लिए पुदीना की पत्तियों का रस बहुत उपयोगी हैं। आप अम्लता या सीने की जलन से राहत पाने के लिए, 4 से 5 पुदीना की पत्तियों को 1 कप पानी में उबाल लें, फिर आधा पानी होने तक उबाले। पुदीना का यह पानी ठंडा होने 1 चम्मच दिनभर में 3 से 4 बार ले ले। आपकी समस्या में तुरंत आराम मिलेगा। यदि पुदीना की पत्तियां उपलब्ध नहीं है तो आप मेडिकल से पुदीना का रस की बोतल ले सकते है और उसकी एक दो बूंद पानी में मिलाकर उपयोग में ला सकते हैं।

5. सौंफ को चबाने से भी होगी अम्लता दूर:

सौंफ भी अम्लता और सीने में जलन को दूर करने में बहुत उपयोगी हैं। इसमें पाए जाने वाले फाइबर, अयस्क और विटामिन इसको पाचन, गैस और इरीटेबल बाउल सिंड्रोम की समस्या को दूर के लिए अच्छा माना जाता हैं। आप सीधे सौंफ को चबाकर खा सकते है या फिर सौंफ का उबला पानी भी ले सकते हैं।

ये सभी ऊपर हर्बल नुक्से आप को अम्लता, सीने की जलन और अपच में तुरंत राहत देंगे। इसे आप अपनी शारीरिक क्षमता या अनुकूलता के अनुसार उपयोग में ला सकते हैं।

डिसक्लेमर: ये सब हर्बल उपचार वर्षों से चले आ रहे नुक्से और आयुर्वेद के अनुसार है जो कि कई सालों के अनुभव के आधार पर हैं। यह जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी पर आधारित हैं। इसके फायदे नुकसान के लिए हमारी वेबसाइट और उससे जुड़ी कोई भी संस्था जिम्मेवार नहीं है। उपयोग से पहले आप उचित चिकित्सीय परामर्श ले ले।

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