गहोई दिवस २०२३: श्री गहोई वैश्य समाज पंचायत भोपाल ने भव्यता से मनाया गहोई दिवस, विशाल झांकी के साथ भव्य चल समारोह!
गहोई दिवस २०२३: श्री गहोई वैश्य समाज पंचायत भोपाल ने भव्यता से मनाया गहोई दिवस, विशाल झांकी के साथ भव्य चल समारोह!
भोपाल, मध्य प्रदेश: सम्पूर्ण भारतवर्ष में २२ जनवरी २०२३ को गहोई दिवस को भव्य रूप से मनाया गया! इस अवसर पर मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल भी पीछे नहीं रही!
यहाँ के गहोई समाज के गहोई बंधुओं ने भव्य चल समारोह निकाला और समाज के वरिष्ठजनों की भी सम्मानित किया! कई बुजुर्ग जोड़ों को उनकी ५०वीं विवाह वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में सम्मानित किया गया!

भव्य चल समारोह जुमेराती में स्थित गहोई धर्मशाला से प्रारंभ होकर कंठाली मंदिर में समाप्त हुआ! इस दौरान भोपाल की महापौर मालती रॉय और गुना की नगरपालिका अध्यक्ष भी उपस्थित रही!
इस शुभ अवसर पर श्री गहोई वैश्य समाज पंचायत भोपाल के अध्यक्ष श्री राकेश कनकने, महामंत्री श्री अमर चंद्र कठल, कोषाध्यक्ष श्री महेश बहरे, गहोई दिवस संयोजक श्री दीपक सावला, श्री गहोई समाज महिला मंडल अध्यक्ष अर्चना पिपरसानिया आदि उपस्थित रहे!
इस दौरान मीडिया बातचीत के दौरान गहोई दिवस संयोजक दीपक सावला ने बताया कि हर वर्ष मकर संक्रान्ति के बाद वाले प्रथम रविवार को गहोई दिवस भव्य रूप से सम्पूर्ण भारतवर्ष में मनाया जाता हैं! इस दौरान भव्य चल समारोह निकाला जाता हैं! चल समारोह के समापन के बाद समाज की महान विभूतियों को किसी न किसी रूप में सम्मानित कर याद किया जाता हैं! मैं मीडिया के माध्यम से सभी को गहोई दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित कर रहा हैं! आप जहाँ भी हैं, इसी रूप में गहोई दिवस बढ़ते क्रम में मनाते रहे और समाज का नाम रोशन करते रहे!
आगे उनसे जब पूछा गया कि राजनीति में भी गहोई समाज निरंतर आगे बढ़ रही हैं, इस पारा दीपक सावला जी ने कहा कि इसी लिए चल समारोह कराते हैं, ताकि समाज का राजनैतिक क्षेत्र में शक्ति प्रदर्शन हो! हम लोग कितने संगठित हैं, कितने समृद्ध हैं! इसी लिए , इसी तारतम्य में चल समारोह किया जाता हैं!
इस प्रकार श्री गहोई वैश्य समाज पंचायत भोपाल ने भव्य रूप से २२ जनवरी २०२३ को गहोई दिवस मनाकर अनूठी मिशाल पेश की और भारतवर्ष के साथ विदेश में निवासरत सभी गहोई बंधुओं को गहोई दिवस की बहुत बहुत बधाई दी!

श्री गहोई वैश्य समाज पंचायत भोपाल द्वारा मनाये गए गहोई दिवस का वीडियो:
Credit: Gahoi Mumbai Samachar – Gahoi Ki Baat, Desh Ke Saath
कैसे मनाये गहोई दिवस:
१. सबसे पहले गहोई सजातीय बंधुओं को भगवान सूर्य से सम्बंधित रंगों जैसे पीले या केसरिया रंग के परंपरागत वस्त्रों को धारण करें, यदि संभव हो तो केसरिया रंग का साफा या पगड़ी अपने सिर पर धारण करे!
२. इसके पश्चात एक किसी निश्चित स्थान, वो अपने गहोई समाज का सांस्कृतिक भवन या धर्मशाला भी हो सकती हैं, पर एकत्रित हो!
३. सभी अपने माथे पर सूर्य भगवान के चिन्ह वाला टीका, चन्दन या केसरिया रंग के सिंदूर से बनाये!
४. इसके पश्चात् हमारे आराध्य देव श्री सूर्य नारायण की प्रतिकृति या बड़ी प्रतिमा को फूलों इत्यादि से सजाकर चल समारोह में एक झांकी के रूप में बैंड बाजों के साथ अनुशसित तरीके से निकाले! इस दौरान आप हाथों के केसरिया रंग के झंडे भी लेकर चल सकते हैं, जिस आराध्य देव श्री सूर्य नारायण भगवान के चिन्ह के साथ “जय गहोई – जय भारत” लिखा हो! ये हमारे संगठित होने की निशानी हैं और मिलकर सभी सजातीय गहोई बंधुओं की परेशानियों को दूर कर उनको समृद्धि की ओर ले जाने की द्योतक हैं!
५. इस दौरान आप जय गहोई जय भारत के नारे भी लगाते हुए चल सकते हैं!
६. आप इस चल समारोह का समापन शहर या गांव में स्थित सूर्य नारायण मंदिर या फिर उपलब्ध कोई भी मंदिर में कर सकते हैं! मंदिर में जाकर सूर्य नारायण देवता के साथ अन्य देवताओं की पूजा अर्चना कर गहोई समाज के विकास और समृद्धि की कामना करना चाहिए!
७. मंदिर में चल समारोह के समापन के बाद, यदि व्यवस्था हैं तो मंदिर प्रांगण में गहोई ध्वज को फहराये और गहोई गीत को सभी गहोई बंधु अपने अंतर्मन से गाये! गहोई ध्वज की लंबाई-चौड़ाई का अनुपात 3:2 है। ध्वज का रंग केसरिया रखे! गहोई ध्वज पर आराध्य देव श्री सूर्य नारायण भगवान के चिन्ह के साथ “जय गहोई – जय भारत” लिखा हो! इस ध्वज पर “श्री गहोई वैश्य समाज” के साथ “शहर या गांव का नाम” लिख सकते हैं!
८. इसके पश्चात् समापन कार्यक्रम में हमारी महान विभूतियों जैसे राष्ट्रकवि मैथलीशरण गुप्त जी, 1952 की प्रथम विधानसभा के सदस्य एवं पूर्व राजस्व मंत्री मध्यप्रदेश शासन परम श्रद्धेय श्री लक्ष्मीनारायण जी गुप्ता (नन्ना जी) आदि का माल्यार्पण कर सम्मानित करें! आप अपने स्थानीय स्तर के श्रद्धेय समाजसेवी विभूतियों को भी साथ में सम्मानित कर सकते हैं!
९. आप स्थानीय स्तर पर बुजुर्ग गहोई बंधुओं को कई रूप में सम्मानित कर सकते हैं! जैसे सबसे बुजुर्ग दंपति, सबसे जयादा उम्र के वरिष्ठ वयक्ति, विवाह के ५० वर्ष पूर्ण किये दम्पति, समाज की उभरती प्रतिभाएं आदि!
१०. यदि संभव हो तो गहोई बंधुओं को समारोह के अंत में जलपान, स्वल्पाहार और पूर्ण भोज्य भी रख सकते हैं! यदि स्थानीय समाज के लोग सक्षम है तो धार्मिक धन पुण्य के परिपेक्ष्य में सामूहिक भंडारा भी रख सकते हैं! इससे जन जन से गहोई समाज की समृद्धि के लिए दिल से आशीर्वाद मिलेगा! इससे गहोई समाज की पहचान हर वर्ग में बनेगी और हम सभी सामाजिक व राजनैतिक रूप से मजबूत बनेंगे!
११. कार्यक्रम के समापन के समय सभी सजातीय गहोई बंधुओं और कार्यक्रम के सफल आयोजन में सहयोगियों को अपने तहे दिल से धन्यवाद कहे!
गहोई ध्वज गीत:
केशरिया रंग,रवि उजियारा
झंडा ऊँचा रहे हमारा
इस झंडे के नीचे निर्भय
सजक संगठन और द्रण निष्चय
बढे प्रेम ओंर भाई चारा
झंडा ऊँचा रहे हमारा
इसकी शान न जाने पाये
चाहे जान भले ही जावे
उज्जवल हो यश नाम हमारा
झंडा ऊँचा रहे हमारा
मिटे कुरीत नीति हो नीकी
इस ध्वज की छवि पड़े न फीकी
जब होगा प्रण पूर्ण हमारा
झंडा ऊँचा रहे हमारा
ऐसे बनकर रहे गहोई
हमें करे बदनाम न कोई
चमके सबके भाग्य सितारा
झंडा ऊँचा रहे हमारा
आओं बंधू गहोई प्यारे
समाज के राज दुलारे
जाति जननि ने तुम्हे पुकारा
झंडा ऊँचा रहे हमारा
जय गहोई ~ जय भारत
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