दिव्यांग बेटी के इलाज़ के दौरान सब कुछ गंवाने के बाद सतना के प्रमोद गुप्ता ने आटे के लिए अपना खून तक बेचा, अंततः जिंदगी से हारे!

सतना, मध्यप्रदेश: हाल ही में एक बहुत ही दर्दनाक घटना घटी, जिससे समाज की महासभाएं, विभिन्न पंचायतें और संगठनों की वर्तमान परिस्थिति में कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करती हैं| 

पांच साल पहले हादसे में पैरों से दिव्यांग हुई बेटी के इलाज़ के लिए सब कुछ दांव पर लगाने वाले एक पिता ने अंततः जिंदगी से हार मानकर अपने जान दे दी। उन्होंने उपचार के दौरान अपनी जमा पूंजी लगाई। मकान और दुकान बेचे। हालत इस तरह बिगड़े कि अपना खून बेचकर आटा तक खरीदा। इसके बाद भी जब बेटी को अपने पैरों पर चलते नहीं देखा तो उनका हौसला जवाब दे गया और उन्होंने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।

मामला सतना का है। यहां ट्रांसपोर्ट नगर निवासी प्रमोद गुप्ता (55) ने मंगलवार, १८ अप्रैल २०२३ को तड़के करीब 4.30 बजे ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर दी। इससे पहले बड़ी बेटी अनुष्का को फोन कर रोते हुए कहा, अब थक चुका हूं। तुम्हारा इलाज कराने में असमर्थ हूं। मेरे पास आत्महत्या के अलावा कोई रास्ता नहीं है। इतना कहकर उन्होंने फोन काट दिया। घबराई बेटी ने परिजन को बताया। इसके बाद उनकी तलाशी की गई, लेकिन सुबह ट्रैक पर प्रमोद का शव मिला। मृतक की दो बेटियां अनुष्का (२१), रैना (१२) और एक बेटा उदय (१८) हैं|  बड़ी बेटी अनुष्का २०१७ की एक घटना के बाद बीमार रहती हैं| अनुष्का की बीमारी, पिता प्रमोद को विचलित करती थी| ६ साल पहले २०१७ में कोचिंग से आते समय एक बाइक से टक्कर के कारण दाएं पैर दो जगह से टूट गया था| उसके पैर में रॉड लगी हुई हैं और बायां पैर भी ढंग से काम नहीं करता| इसके उपचार पर बेहतर पैसा खर्च हो चुका था| अब उनके पास पैसे नहीं बचे थे| इसलिए प्रमोद गुप्ता जी बहुत परेशान और विचलित थे| 

दर्द भरी कहानी बेटी की ज़ुबानी: 
एक प्रसिद्ध पत्रिका के प्रतिनधि को अनुष्का ने रोते हुए बताया कि उसके पापा उसे बहुत प्यार करते थे| उपचार में खर्च के चलते मकान तक बिक गया और किराये के मकान में रहने आ गए| मेरे इलाज के खर्च के चलते परिवार कर्ज में दबता गया। पापा ने पिकअप वाहन लिया था, पर किस्त नहीं चुका पा रहे थे। बीते माह सिलेंडर खत्म हो गया। आटा नहीं था, तब पापा खून बेचकर इंतजाम किया था। उन्होंने शासन और प्रशासन से मदद न मिलने के बारे में बताते हुए कहा कि हाईस्कूल में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होने पर जिला प्रशासन ने एक समारोह में मेधावी सम्मान से नवाज़ा था| कार्यक्रम के दौरान जिलाधीश ने आश्वासन दिया था कि आगे शिक्षा में मदद करेंगे और आयुष्मान कार्ड भी बनवाएंगे| यह काम एसडीएम को सौंपा गया था| पापा आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए छह माह तक अफसरों के चक्कर लगाते रहे, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। वे मदद करते तो आज पापा जिन्दा होते| उन्होंने लोकसेवा केंद्र में बीपीएल कार्ड के लिए आवेदन किया था, लेकिन नहीं बना| पीएम आवास का फॉर्म भी निरस्त हो गया| दो साल से किराये के मकान में रह रहे हैं, जिसका छह माह से किराया बाकी हैं| करीब दस माह से बिजली का बिल जमा नहीं कर पाए हैं| 

समाज की सभी महासभाओं, पंचायतों के समक्ष विचारणीय प्रश्न: 
इस दिल को दहलाने वाली घटना से हमारी सभी महासभाओं, पंचायतों और अन्य चुनी इकाइयों की भूमिका पर प्रश्न चिन्ह लगा गया हैं| इन घटनाओ से कई ज्वलंत प्रश्न खड़े होते हैं, जो इस प्रकार हैं| 

– क्या इन पंजीकृत गहोई समाज की इकाइयों का काम केवल त्रिवर्षीय चुनाव कराने तक ही सीमित रह गया हैं, जो कि एक रजिस्टार कार्यालय के नियमों की खानापूर्ति भर के लिए हैं? 

– क्या समाज की गतिविधियां गहोई दिवस, गहोई मिलन और अन्य त्योहारों के आयोजन तक ही सीमित रह गई हैं| 

– क्या समाज के गरीब तबके और सुविधाओं से वंचित गहोई बंधुओं के उद्धार की कोई योजना हैं?

– क्या गांव या शहर की गहोई समाज की रजिस्टर्ड इकाइयों में या एक कोई पृथक अकेला फोरम हैं, जहाँ पर कोई भी परेशान गहोई बंधु फ़ोन, व्हाटअप्प, या मेल से अपनी कोई भी समस्या साँझा कर सके और उसका समाधान स्थानीय स्तर या राष्ट्रीय स्तर पर हो सके?

अब वक़्त आ गया है कि समाज के पिछड़े तबके और विकास के लिए दीर्घकालीन योजना पर अमल करना होगा| हमे स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर हर गहोई बंधु की जानकारी का एक डेटाबेस तैयार करने का प्रयास करना चाहिए| सभी को मिलकर एक सर्वमान्य फोरम का गठन करना चाहिए ताकि उस फोरम से जरूरतमंद गहोई बंधु की आर्थिक, प्रशासनिक, सामाजिक, वैवाहिक और राजनैतिक मदद कर सके| 

जैसे इस घटना में परिवार को आयुष्मान कार्ड, बीपीएल कार्ड, पीएम आवास के लिए प्रशासन के लचीले रवैये से जूझना पड़ा और कोई सफलता नहीं मिली| वास्तव में इन समस्यांओ का समाधान समाज के कोई प्रतिष्ठित व्यक्ति द्वारा चुटकियों में हो सकता था| गहोई समाज के बंधुओं की हर समस्या को दूर करने में हरसंभव प्रयास ही गहोई समाज की विभिन्न महासभाओं और पंचायतों की सार्थकता हैं| 

समाज की हित में समाज के लिए कुछ सुझाव:
– स्थानीय और राष्ट्रीय स्टार पर एक हेल्पडेस्क का निर्माण करें, जिसका अपना व्हाट्सप्प, मोबाइल और ईमेल हों| यदि गहोई बंधु की कोई समस्या का स्थानीय स्तर पर निवारण हो सकता हैं तो स्थानीय स्टार पर करे, नहीं तो राष्ट्रीय स्टार की फोरम से मदद करे| 

– इस फोरम में समाजसेवी और सेवानिवृत वरिष्ठ वकील, डॉक्टर, इंजीनियर, अधिकारी और राजनेता जुड़े और समाज के गहोई बंधुओं को घर बैठे डिजिटल युग में उनसे सम्बंधित क्षेत्र की समस्या पर उचित सलाह और हरसम्भव मदद दे| 

– इस फोरम में सभी समृद्ध और व्यवसायी वर्ग एक फंड तैयार करे, जो कि बहुत न्यूनतम ब्याज दरों पर उन  जरूरतमंद की सहायता करे, जिन्हे कही ओर से सहायत मिलने में परेशानी आ रही हो| 

स्वर्गीय प्रमोद गुप्ता के संकग्रस्त परिवार की सहायता के लिए विवरण:

यदि कोई गहोई बंधु, स्वर्गीय प्रमोद गुप्ताजी के संकटग्रस्त परिवार की मदद करना चाह रहा हैं तो बैंक का विवरण इस प्रकार हैं| 

Shri Pramod Gupta's sad demise due to struggling life for her ailing Daughter's treatment!
Shri Pramod Gupta’s sad demise due to struggling life for her ailing Daughter’s treatment!

कु.अनुष्का गुप्ता पिता प्रमोद गुप्ता सतना पी.एन. बी.का नम्बर है सभी स्वजन सहायता करें 

A/C होल्डर – अनुष्का गुप्ता प्रमोद कुमार गुप्ता ज्वाइंट खाता

English name in account: ANUSHKA GUPTA

A/C No  –  02912421025297

बैंक का नाम: पीएनबी (पंजाब नेशनल बैंक)

IFSC कोड: PUNB0029110

Mobile No.: 9669012079

नोट: यदि कोई बड़ी दान राशि प्राप्त हो रही हैं तो सतना समाज के पदाधिकारी,  परिवार से संपर्क करके उनकी LIC, पोस्टऑफिस  या बैंक में एफडी करवाकर निश्चित मासिक आय प्राप्त करने में सहायता करे| इस घटना पर, गहोईमुंबई.कॉम और गहोई मुंबई समाचार की ओर से सहायत प्रेषित कर दी गई हैं और आप सभी गहोई बंधुओ से आशा हैं कि आप सभी भी यथासंभव मदद कर, परिवार को संकट  मदद करे। 

जय गहोई ~ जय भारत

सूचना: यदि कोई भी गहोई बंधू अपने क्षेत्र की गहोई समाज से सम्बंधित कोई भी सूचना, लेख, कविताएं, सामाजिक गतिविधि, गहोई आयोजन फोटो, शादी समबन्धित बायोडाटा आदि को गहोईमुंबईकॉम पर प्रसारित करवाना चाहता हैं तो कृपया जानकारी फोटो और वीडियो के साथ gahoimumbai@gmail.com पर साँझा कर सकते हैं| 

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